जैक मा चीन के तीसरे और विश्व के इक्कीसवें अमीर व्यक्ति हैं। वे आधुनिक युग के तकनीकी विशेषज्ञों में से एक हैं। वे ‘अलीबाबा’ के संस्थापक हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी ई- कॉमर्स वेबसाइट्स में से एक है।
जैक मा नौ साल तक अपनी अंग्रेजी का अभ्यास करने के लिए, क्षेत्र के पर्यटकों को पर्यटन देने के लिए अपनी साइकिल पर 70 मील की दूरी तय करते रहे। उनका बचपन का नाम ‘मा यों’ था। विदेशी उनका नाम ढंग से बुला नहीं पाते थे तो किसी विदेशी ने उन्हें ‘जैक’ उपनाम दिया।
जैक मा कहते हैं कि उन्हें अपनी कंपनी के लिए एक ऐसा नाम चाहिए था, जिसे पूरी दुनिया जानती हो। जब उन्होंने अपनी कंपनी का नाम रखा, उससे पहले ‘याहू’ दुनिया का सबसे अच्छा नाम था। काफी सोचने के बाद उन्हें एक नाम मिला, जब वह कहीं बैठकर लंच कर रहे थे। एक वेट्रेस उनके पास आई तो उन्होंने उससे पूछा ‘क्या तुम अलीबाबा को जानती हो?’ मुसकराते हुए उसने कहा, ‘जी, मैं अलीबाबा को जानती हूँ।’ उसके बाद जैक मा रेस्टोरेंट के बाहर बनी गली में गए और वहाँ कम-से-कम बीस लोगों से उन्होंने पूछा, ‘क्या आप अलीबाबा को जानते हैं?’ सभी ने कहा कि चालीस चोर वाली कहानी में अलीबाबा हीरो था। इस तरह उन्होंने सेट किया कि अलीबाबा एक अच्छा नाम है। A इंग्लिश अल्फाबेट्स का सबसे पहला अक्षर है और A की तरह अलीबाबा हमेशा टॉप पर रहा है।
जैक मा कहते हैं कि ग्राहक हमें पैसे का भुगतान करता है, जिस पैसे से हम मुनाफा कमाते हैं और मुनाफा हमारे साथ काम करनेवाले लोगों की तनख्वाह होता है। हमारे साथ काम करनेवाले लोगों की तनख्वाह सी से निकलती है।