पुस्तक ‘विषकन्या’ प्राचीन काल की रहस्यमयी विषयवस्तु पर आधारित एक खास प्रस्तुति है। इसमें विषकन्या एक पौराणिक कथा और काव्यात्मक विचारधारा में प्रसिद्ध एक रहस्यमयी चरित्र है, जो कहानियों का मुख्य केंद्र है। इसमें संकलित कहानियों के अनुसार, विषकन्या ऐसी सुंदरियाँ होती हैं जो किसी विशेष प्रकार के जहर (विष) से भरी होती हैं। इसलिए प्राचीन काल में राजा और महाराजा अपने स्वार्थ के लिए इन्हें इस्तेमाल करते थे। लेखिका श्राबोनी बोस इस संग्रह में विषकन्या के जीवन के कई पलों को रोचक और रहस्यमय ढंग से प्रस्तुत करती हैं। यह कहानी संग्रह भारतीय साहित्य के एक अनूठे पहलू को उजागर करता है और पाठकों को एक रोमांचक यात्रा पर ले जाता है।
ओम्! ज़ूम नागदेवताय नमः
एक दिन खाना खाते समय महारानी ने चंद्रगुप्त का जूठा निवाला खा लिया था और उसी दिन उनकी मौत हो गई थी। जिस समय रानी की मौत हुई वह गर्भवती थी, हालाँकि बहुत कोशिशों के बाद बच्चे की जान बचा ली गयी। वही आगे चलकर बिंदुसार बना।