कथाकार प्रभात रंजन का यह पहला कहानी-संग्रह है| इन कहानियों में आज की वास्तविकता के प्रति एक वयस्क व्यंग्यबोध है। इन कहानियों के केंद्र में आज का युवा समुदाय है जो अक्सर छोटे कस्बों से महानगरों की ओर उच्चशिक्षा या रोजगार की तलाश में आया है। (C) 2018 Vani Prakashan