Emergency Ki Inside Story

· Storyside IN · בקריינות של Ravi Rajesh
5.0
ביקורת אחת
ספר אודיו
11 שע' 5 דק'
לא מקוצר
כשיר
הביקורות והדירוגים לא מאומתים מידע נוסף
רוצה דוגמה למשך 4 דק'? אפשר להאזין בכל זמן, אפילו אופליין. 
הוספה

מידע על ספר האודיו הזה

'इन सबकी शुरुआत उड़ीसा में 1972 में हुए उप-चुनाव से हुई। लाखों रुपए खर्च कर नंदिनी को राज्य की विधानसभा के लिए चुना गया था। गांधीवादी जयप्रकाश नारायण ने भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के सामने उठाया। उन्होंने बचाव में कहा कि कांग्रेस के पास इतने भी पैसे नहीं कि वह पार्टी दफ्तर चला सके। जब उन्हें सही जवाब नहीं मिला, तब वे इस मुद्दे को देश के बीच ले गए। एक के बाद दूसरी घटना होती चली गई और जे.पी. ने ऐलान किया कि अब जंग जनता और सरकार के बीच है। जनता—जो सरकार से जवाबदेही चाहती थी और सरकार—जो बेदाग निकलने की इच्छुक नहीं थी।' ख्यातिप्राप्त लेखक कुलदीप नैयर इमरजेंसी के पीछे की सच्ची कहानी बता रहे हैं। क्यों घोषित हुई इमरजेंसी और इसका मतलब क्या था, यह आज भी प्रासंगिक है, क्योंकि तब प्रेरणा की शक्ति भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मिली थी और आज भी सबकी जबान पर भ्रष्टाचार का ही मुद्दा है। एक नई प्रस्तावना के साथ लेखक वर्तमान पाठकों को एक बार फिर तथ्य, मिथ्या और सत्य के साथ आसानी से समझ आनेवाली विश्लेषणात्मक शैली में परिचित करा रहे हैं। वह अनकही यातनाओं और मुख्य अधिकारियों के साथ ही उनके काम करने के तरीके से परदा उठाते हैं। भारत के लोकतंत्र में 19 महीने छाई रही अमावस पर रहस्योद्घाटन करनेवाली एक ऐसी पुस्तक, जिसे अवश्य सुना जाना चाहिए|.

דירוגים וביקורות

5.0
ביקורת אחת

רוצה לדרג את ספר האודיו הזה?

נשמח לשמוע מה דעתך.

פרטי האזנות

סמארטפונים וטאבלטים
כל מה שצריך לעשות הוא להתקין את האפליקציה של Google Play Books ל-Android או ל-iPad/iPhone‏. היא מסתנכרנת באופן אוטומטי עם החשבון שלך ומאפשרת לך לקרוא מכל מקום, גם ללא חיבור לאינטרנט.
מחשבים ניידים ושולחניים
ניתן לקרוא ספרים שנרכשו ב-Google Play באמצעות דפדפן האינטרנט שבמחשב שלך.